Telegram Group & Telegram Channel
– 13 जून से 24 जून 2025 (12 दिन) तक मिसाइलों की बौछार और बमों के धमाके के बाद आखिरकार ईरान और इजराइल मान गए कि वे अब नहीं लड़ेंगे।
– 24 जून की सुबह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइल-ईरान सीजफायर का ऐलान किया, लेकिन कुछ ही देर बाद इजराइल ने दावा किया कि उस पर ईरान ने हमला किया।
– जबकि ईरान ने इससे साफ इनकार कर दिया। हालांकि, दोपहर तक दोनों देश सीजफायर के लिए राजी हो गए।

ट्रंप ने किया ईरान – इजरायल के बीच सीजफायर का ऐलान
– अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार तड़के 3:30 बजे ईरान और इजराइल के बीच सीजफायर का दावा किया।
– इसके बाद ईरानी टेलीविजन ने बताया कि इजरायल के साथ युद्ध में संघर्ष विराम शुरू हो गया है।
– ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने अगर इजराइल, हमले रोक देता है, तो ईरान भी हमले नहीं करेगा।
– इसके बाद ईरान ने इजराइल पर 6 बार बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया।
– इसके बाद फिर से ट्रंप ने कहा – अभी से सीजफायर लागू होता है, प्लीज इसे न तोड़ें।
– तब इजरायल ने भी कहा कि वह भी सीजफायर को स्‍वीकार करता है।

ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी बेस पर मिसाइलें दागीं
– ट्रम्प के ऐलान से कुछ घंटे पहले ही ईरान ने कतर में अमेरिका के अल-उदीद एयर मिलिट्री बेस पर 19 मिसाइलें दागीं थीं। हालांकि, इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ, क्योंकि ईरान ने हमले से पहले ही इसके बारे में अलर्ट जारी कर दिया था।

ईरान और इजराइल सीजफायर के लिए क्यों मान गए?
– डोनाल्ड ट्रम्प ने सीजफायर का पूरा क्रेडिट खुद को दिया। वे मानते हैं कि उन्हीं की वजह से जंग खत्म हुई है। हालांकि, इसके अलावा सीजफायर की कई वजहें हैं।
– जंग के मैदान में अकेले पड़े: ईरान और इजराइल जंग में अकेले पड़ गए। ईरान को रूस, चीन, नॉर्थ कोरिया, जैसे देशों ने समर्थन किया और बयान जारी किए, लेकिन किसी ने सैन्य मदद नहीं की। हूती, हिजबुल्लाह और हमास भी इतने कमजोर पड़ गए कि ईरान के लिए खड़े नहीं हुए। वहीं, इजराइल की मदद के लिए अमेरिका आगे आया, लेकिन सैन्य मदद नहीं दी, जिस तरह गाजा में मदद की थी। हालांकि, 22 जून को अमेरिका ने ईरान की परमाणु लेबोरेटरीज पर B2 बॉम्बर से हमले जरूर किए।
– जंग में दोनों तरफ तबाही: 13 जून से 24 जून तक ईरान में जंग के कारण 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जबकि 5,000 से ज्यादा घायल हुए। वहीं, इजराइल में करीब 28 लोगों की मौत हुई और 3,000 से ज्यादा लोग घायल हुए। ईरान ने इजराइल के तेल अवीव, बीर्शेबा और हाइफा समेत कई शहरों पर हमला किया। ईरान के हमले में मोसाद का हेडक्वार्टर, रिहायशी इमारतें, हॉस्पिटल्स और सरकारी दफ्तर तबाह हो गए। वहीं, इजराइल ने ईरान के नतांज, फोर्डो और इस्फहान न्यूक्लियर लेबोरेटरी पर हमला किया। साथ ही कई ईरानी शहरों को निशाना बनाया और कई सैन्य अफसर भी मारे गए।
– कतर के PM शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से ट्रम्प ने फोन पर बात की और ईरान को सीजफायर के लिए राजी करने को कहा।
– इसके बाद जेडी वेंस ने कतर और ईरान की बातचीत को व्हाइट हाउस से कोऑर्डिनेट किया। कतर ने ईरान को सीजफायर के लिए राजी किया। फिर 24 जून की सुबह ट्रम्प ने सीजफायर की घोषणा की।

क्या सीजफायर का मतलब है कि दोनों देश अब हमला नहीं करेंगे?
– विदेश मामलों के जानकार और JNU के रिटायर्ड प्रोफेसर ए. के. पाशा कहते हैं, ‘ट्रम्प की घोषणा के बाद सीजफायर तो हुआ, लेकिन कुछ कहा नहीं जा सकता कि यह कब तक रहेगा।
– अमेरिका की सीजफायर की घोषणा से इजराइल और ईरान खुश नहीं लग रहे और दोनों ने कहा कि अगर हमला हुआ तो जवाबी कार्रवाई जरूर होगी। हालांकि, सीजफायर लागू होना और बरकरार रहने में फर्क है।’

सीजफायर के बाद ईरान के परमाणु प्रोग्राम का क्या होगा?
– ईरान के एटॉमिक एनर्जी ऑर्गनाइजेशन के मुखिया मोहम्मद इस्लामी ने कहा है कि ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को इजराइल और अमेरिका के हमले से हुए नुकसान को ठीक किया जा रहा है।
– अमेरिकी थिंकटैंक ‘डिफेंस प्रायोरिटीज’ में मिडिल ईस्ट प्रोग्राम की डायरेक्टर रोजमेरी केलानिक के मुताबिक, ‘अमेरिकी हमले से ईरान के परमाणु हथियार हासिल करने की संभावना और ज्यादा बढ़ गई है। अगर इन हमलों में ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी खत्म हो गई होगी, तो वह तेजी और ज्यादा ताकत से इन्हें बढ़ाने की कोशिश करेगा।’



tg-me.com/Current_Adda/17424
Create:
Last Update:

– 13 जून से 24 जून 2025 (12 दिन) तक मिसाइलों की बौछार और बमों के धमाके के बाद आखिरकार ईरान और इजराइल मान गए कि वे अब नहीं लड़ेंगे।
– 24 जून की सुबह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइल-ईरान सीजफायर का ऐलान किया, लेकिन कुछ ही देर बाद इजराइल ने दावा किया कि उस पर ईरान ने हमला किया।
– जबकि ईरान ने इससे साफ इनकार कर दिया। हालांकि, दोपहर तक दोनों देश सीजफायर के लिए राजी हो गए।

ट्रंप ने किया ईरान – इजरायल के बीच सीजफायर का ऐलान
– अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार तड़के 3:30 बजे ईरान और इजराइल के बीच सीजफायर का दावा किया।
– इसके बाद ईरानी टेलीविजन ने बताया कि इजरायल के साथ युद्ध में संघर्ष विराम शुरू हो गया है।
– ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने अगर इजराइल, हमले रोक देता है, तो ईरान भी हमले नहीं करेगा।
– इसके बाद ईरान ने इजराइल पर 6 बार बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया।
– इसके बाद फिर से ट्रंप ने कहा – अभी से सीजफायर लागू होता है, प्लीज इसे न तोड़ें।
– तब इजरायल ने भी कहा कि वह भी सीजफायर को स्‍वीकार करता है।

ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी बेस पर मिसाइलें दागीं
– ट्रम्प के ऐलान से कुछ घंटे पहले ही ईरान ने कतर में अमेरिका के अल-उदीद एयर मिलिट्री बेस पर 19 मिसाइलें दागीं थीं। हालांकि, इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ, क्योंकि ईरान ने हमले से पहले ही इसके बारे में अलर्ट जारी कर दिया था।

ईरान और इजराइल सीजफायर के लिए क्यों मान गए?
– डोनाल्ड ट्रम्प ने सीजफायर का पूरा क्रेडिट खुद को दिया। वे मानते हैं कि उन्हीं की वजह से जंग खत्म हुई है। हालांकि, इसके अलावा सीजफायर की कई वजहें हैं।
– जंग के मैदान में अकेले पड़े: ईरान और इजराइल जंग में अकेले पड़ गए। ईरान को रूस, चीन, नॉर्थ कोरिया, जैसे देशों ने समर्थन किया और बयान जारी किए, लेकिन किसी ने सैन्य मदद नहीं की। हूती, हिजबुल्लाह और हमास भी इतने कमजोर पड़ गए कि ईरान के लिए खड़े नहीं हुए। वहीं, इजराइल की मदद के लिए अमेरिका आगे आया, लेकिन सैन्य मदद नहीं दी, जिस तरह गाजा में मदद की थी। हालांकि, 22 जून को अमेरिका ने ईरान की परमाणु लेबोरेटरीज पर B2 बॉम्बर से हमले जरूर किए।
– जंग में दोनों तरफ तबाही: 13 जून से 24 जून तक ईरान में जंग के कारण 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जबकि 5,000 से ज्यादा घायल हुए। वहीं, इजराइल में करीब 28 लोगों की मौत हुई और 3,000 से ज्यादा लोग घायल हुए। ईरान ने इजराइल के तेल अवीव, बीर्शेबा और हाइफा समेत कई शहरों पर हमला किया। ईरान के हमले में मोसाद का हेडक्वार्टर, रिहायशी इमारतें, हॉस्पिटल्स और सरकारी दफ्तर तबाह हो गए। वहीं, इजराइल ने ईरान के नतांज, फोर्डो और इस्फहान न्यूक्लियर लेबोरेटरी पर हमला किया। साथ ही कई ईरानी शहरों को निशाना बनाया और कई सैन्य अफसर भी मारे गए।
– कतर के PM शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से ट्रम्प ने फोन पर बात की और ईरान को सीजफायर के लिए राजी करने को कहा।
– इसके बाद जेडी वेंस ने कतर और ईरान की बातचीत को व्हाइट हाउस से कोऑर्डिनेट किया। कतर ने ईरान को सीजफायर के लिए राजी किया। फिर 24 जून की सुबह ट्रम्प ने सीजफायर की घोषणा की।

क्या सीजफायर का मतलब है कि दोनों देश अब हमला नहीं करेंगे?
– विदेश मामलों के जानकार और JNU के रिटायर्ड प्रोफेसर ए. के. पाशा कहते हैं, ‘ट्रम्प की घोषणा के बाद सीजफायर तो हुआ, लेकिन कुछ कहा नहीं जा सकता कि यह कब तक रहेगा।
– अमेरिका की सीजफायर की घोषणा से इजराइल और ईरान खुश नहीं लग रहे और दोनों ने कहा कि अगर हमला हुआ तो जवाबी कार्रवाई जरूर होगी। हालांकि, सीजफायर लागू होना और बरकरार रहने में फर्क है।’

सीजफायर के बाद ईरान के परमाणु प्रोग्राम का क्या होगा?
– ईरान के एटॉमिक एनर्जी ऑर्गनाइजेशन के मुखिया मोहम्मद इस्लामी ने कहा है कि ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को इजराइल और अमेरिका के हमले से हुए नुकसान को ठीक किया जा रहा है।
– अमेरिकी थिंकटैंक ‘डिफेंस प्रायोरिटीज’ में मिडिल ईस्ट प्रोग्राम की डायरेक्टर रोजमेरी केलानिक के मुताबिक, ‘अमेरिकी हमले से ईरान के परमाणु हथियार हासिल करने की संभावना और ज्यादा बढ़ गई है। अगर इन हमलों में ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी खत्म हो गई होगी, तो वह तेजी और ज्यादा ताकत से इन्हें बढ़ाने की कोशिश करेगा।’

BY Current Adda ️- करेंट अफेयर्स Current Affairs in Hindi प्रश्न Quiz Questions Online करंट Series Mock Tests SSC UPSC Railway Bank


Warning: Undefined variable $i in /var/www/tg-me/post.php on line 283

Share with your friend now:
tg-me.com/Current_Adda/17424

View MORE
Open in Telegram


Current Adda ️ करेंट अफेयर्स Current Affairs in Hindi प्रश्न Quiz Questions Online करंट Series Mock Tests SSC UPSC Railway Bank Telegram | DID YOU KNOW?

Date: |

Spiking bond yields driving sharp losses in tech stocks

A spike in interest rates since the start of the year has accelerated a rotation out of high-growth technology stocks and into value stocks poised to benefit from a reopening of the economy. The Nasdaq has fallen more than 10% over the past month as the Dow has soared to record highs, with a spike in the 10-year US Treasury yield acting as the main catalyst. It recently surged to a cycle high of more than 1.60% after starting the year below 1%. But according to Jim Paulsen, the Leuthold Group's chief investment strategist, rising interest rates do not represent a long-term threat to the stock market. Paulsen expects the 10-year yield to cross 2% by the end of the year. A spike in interest rates and its impact on the stock market depends on the economic backdrop, according to Paulsen. Rising interest rates amid a strengthening economy "may prove no challenge at all for stocks," Paulsen said.

Telegram announces Search Filters

With the help of the Search Filters option, users can now filter search results by type. They can do that by using the new tabs: Media, Links, Files and others. Searches can be done based on the particular time period like by typing in the date or even “Yesterday”. If users type in the name of a person, group, channel or bot, an extra filter will be applied to the searches.

Current Adda ️ करेंट अफेयर्स Current Affairs in Hindi प्रश्न Quiz Questions Online करंट Series Mock Tests SSC UPSC Railway Bank from us


Telegram Current Adda ️- करेंट अफेयर्स Current Affairs in Hindi प्रश्न Quiz Questions Online करंट Series Mock Tests SSC UPSC Railway Bank
FROM USA