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किसी को मुफ्त में मिल गया वो शख़्स
जो हमे हर कीमत पे चाहिए था!

@sayarilover
Teach your heart to accept disappointments even from people who you love!💔

@sayarilover
तीन पहर तो बीत गये,
बस एक पहर ही बाकी है।
जीवन हाथों से फिसल गया,
बस खाली मुट्ठी बाकी है।

सब कुछ पाया इस जीवन में,
फिर भी इच्छाएं बाकी हैं
दुनिया से हमने क्या पाया,
यह लेखा - जोखा बहुत हुआ,
इस जग ने हमसे क्या पाया,
बस ये गणनाएं बाकी हैं।

इस भाग-दौड़ की दुनिया में
हमको इक पल का होश नहीं,
वैसे तो जीवन सुखमय है,
पर फिर भी क्यों संतोष नहीं !
क्या यूं ही जीवन बीतेगा,
क्या यूं ही सांसें बंद होंगी ?
औरों की पीड़ा देख समझ
कब अपनी आंखें नम होंगी ?
मन के अंतर में कहीं छिपे
इस प्रश्न का उत्तर बाकी है।

मेरी खुशियां, मेरे सपने
मेरे बच्चे, मेरे अपने
यह करते - करते शाम हुई
इससे पहले तम छा जाए
इससे पहले कि शाम ढले
कुछ दूर परायी बस्ती में
इक दीप जलाना बाकी है।
तीन पहर तो बीत गये,
बस एक पहर ही बाकी है।
जीवन हाथों से फिसल गया,
बस खाली मुट्ठी बाकी है।

~ नामालूम

🙏मंगल कामनाएं 🙏


@sayarilover
किसी किसी को इस कदर खुशियाँ मिलती हैं
प्यासों को पानी नहीं मिलता
और समंदर किनारे नदियां बहती हैं।।

@sayarilover
बेनाम शायर
खूबसूरत है तू जन्म लेती हुई..,
खूबसूरत है तू जन्म देती हुई...!!
~unknown
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Happy Women's day
@sayarilover
वह कहता था, वह सुनती थी,
जारी था एक खेल कहने-सुनने का।

खेल में थी दो पर्चियाँ। एक में लिखा था ‘कहो’, एक में लिखा था ‘सुनो’।

अब यह नियति थी या महज़ संयोग? उसके हाथ लगती रही वही पर्ची जिस पर लिखा था ‘सुनो’।

वह सुनती रही। उसने सुने आदेश। उसने सुने उपदेश। बन्दिशें उसके लिए थीं। उसके लिए थीं वर्जनाएँ। वह जानती थी, ‘कहना-सुनना’ नहीं हैं केवल क्रियाएं।

राजा ने कहा, ‘ज़हर पियो’ वह मीरा हो गई।

ऋषि ने कहा, ‘पत्थर बनो’ वह अहल्या हो गई।

प्रभु ने कहा, ‘निकल जाओ’ वह सीता हो गई।

चिता से निकली चीख, किन्हीं कानों ने नहीं सुनी, वह सती हो गई।

घुटती रही उसकी फरियाद, अटके रहे शब्द, सिले रहे होंठ, रुन्धा रहा गला।

उसके हाथ कभी नहीं लगी वह पर्ची, जिस पर लिखा था, ‘कहो’।

Happy women's day♀🌹👩
~unknown

@sayarilover
इस बार जब रावण उठा ले आये सीता को
मंदोदरी तुम तलवार उठाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

देनी पडे़ इसबार अग्निपरीक्षा सीता को
धरति मां तू तब ही फट जाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

लगे जो छिन्टे सीता के आंचल को
उर्मिला तुम बड़ी बहन बनकर ढाल बन जाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

इस बार जब सीता निकाली जाये अयोध्या से
कोशल्या तुम उसकी मां बन जाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

पाले इसबार सीता अकेले ही लव कुस को
सुनैना तुम भी हाथ बन्टाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना!!!

इस बार जब रावण उठा ले आये सीता को
मंदोदरी तुम तलवार उठाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

देनी पडे़ इसबार अग्निपरीक्षा सीता को
धरति मां तू तब ही फट जाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

लगे जो छिन्टे सीता के आंचल को
उर्मिला तुम बड़ी बहन बनकर ढाल बन जाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

इस बार जब सीता निकाली जाये अयोध्या से
कोशल्या तुम उसकी मां बन जाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना

पाले इसबार सीता अकेले ही लव कुस को
सुनैना तुम भी हाथ बन्टाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना
स्त्री तुम स्त्री का साथ निभाना!!!
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Happy women's day 🤗
~unknown
@sayarilover
एक सुरूर सा मुझ पर चढ़ा कर गया है.....
कोई बेवजह मुझको हसा कर गया है

हँसते हँसते आ गए आँखो में आँशू
कुछ ऐसे वो मुझको रुला कर गया है

जाने वो लौट कर फिर कब आयेगा....
शायद वो लोगो से ये बता कर गया है..,.

ना जाने वो मुझ पर क्या कर गया....
अपनी मोहब्बत का मुझ पर असर कर गया है ....

तोहफे मैं मुझे वो अपनी यादें दे गया
सितम वो मुझ पर बेशुमार कर गया है....


मोहब्बत की है जनाब मोहब्बत मैं हमे तबाह कर गया है ....
@sayarilover
~unknown
जहाँ जरूरत नही मेरी
वहाँ जाना भी नही हैं
वो रूठा है तो रूठा रहे
मुझे मनाना भी नही है
मोहब्बत मेरी है मुझमें रहेगी
मुझे वैसे भी तुझे पाना नही है
तेरे तेवर सलामत रहे सदा यूँ ही
मेरी जान अभी गुजरा जमाना नही है
रूह तेरी है तेरी रहेगी सदा
दिल को मगर और तड़पाना नही हैं!!
~unknown
@sayarilover
तुम मेरी सोच हो तो तुम्हें
कोई और सोचे ही तो क्यों सोचे!

जब तुम मेरी चाहत हो
तो तुम्हें कोई और चाहें ही तो क्यों चाहें!

तुम मेरा आईना हो तो तुम्हें
कोई और देखे ही तो क्यों देखे!

तुम मेरी दुआ हो तो तुम्हें
कोई और मांगे क्यों ही तो क्यों मांगे!

हद_है जब तुम पर मेरा हक है
तो और कोई हक जताये ही तो क्यों जताये!
~unknown
@sayarilover
पता नहीं लबों से लब कैसे लगा लेते हैं लोग
तुमसे नजरें भी मिल जाये तो होश नहीं रहता ।
@sayarilover...
Unknown
नींद पागल हुई, आँख बोझिल हुई,
स्वप्न को भी नज़र लग गई आपकी !!
मुस्कुराना ग़लत, है या रोना ग़लत?
कौन छंटनी करे, पुण्य की पाप की?

गीत होठों पे सज-धज के बैठे रहे,
भाव सारे तुम्हें टेर कर सो गए !!
मेरी आहों को जब भी ज़रूरत पड़ी,
शब्द ढोंगी से मुंह फेर कर सो गए !!
मैंने टोका तो शब्दों ने ये कह दिया
क्या ज़रूरत है अब वार्तालाप की?

~ गुनवीर "राना "

@sayarilover
केवल पा लेना
ही
प्रेम नही
किसी को बिना पाएभी
उसी का होकर रहना
प्रेम है

जो समझाया ना जा सके
वो प्रेम है
जो महसूस हो बस
रुह की गहराईयों तक
वो प्रेम है

शब्दों से परे
बंद आँखों से जो
महसूस हो
वो सबसे सुन्दर अहसास
प्रेम है

हर आहट मे
जिसके आने का
विश्वास शामिल हो
वो हर पल का इंतजार
प्रेम है!
~अज्ञात

@sayarilover
तुम क्या गए कि वक़्त का अहसास मर गया,

रातों को जागते रहे और दिन को सो गए।

-unknown

@sayarilover
I asked life, "Why are you so difficult?"Life smiled and said, "You people never appreciate Easy things.

🤗 Good morning 🌄

@sayarilover
किरदार मत देखिए ये जरूरतों का दौर है;
आदमी होता कुछ और है, और दिखाता कुछ और है!

~अज्ञात

@sayarilover
चाकू, खंजर, तीर और तलवार लड़ रहे थे;
की कौन ज्यादा गहरा घाव देता है?

शब्द पीछे बैठ के मुस्कुरा रहे थे..!💔

✍🏻~अज्ञात

@sayarilover
बदलेंगे रंग, तकदीरें भी बदलेंगी, धुंधली हो जाएगी चमक, पर जो नहीं बदलेगा.... वो हूँ मैं !😔

✍🏻~अज्ञात

@sayarilover
शायराना!🤗 pinned «किरदार मत देखिए ये जरूरतों का दौर है; आदमी होता कुछ और है, और दिखाता कुछ और है! ~अज्ञात @sayarilover»
तेरा ज़िक्र...तेरी फ़िक्र.तेरा एहसास... तेरा ख्याल..!!

 तू खुदा नही... फिर हर जगह मौजूद क्यूँ है...?
-Unknown

@sayarilover
2024/04/19 23:00:14
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